राज्य सेवा परीक्षा परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम (राज्य सेवा परीक्षा 2024 से प्रभावशील)
राज्य सेवा परीक्षा के तीन क्रमिक चरण होंगे-
(1) राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रश्न ओ.एम.आर शीट आधारित)।
(2) राज्य सेवा मुख्य परीक्षा (लिखित वर्णनात्मक)।
(3) साक्षात्कार।
1. राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के दो प्रश्न पत्र होंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र की रचना निम्नलिखित योजनानुसार की जाएगी-
प्रथम प्रश्न पत्र - सामान्य अध्ययन - 2 घंटे - 200 अक
द्वितीय प्रश्न पत्र - सामान्य अभिरुचि परीक्षण - 2 घंटे - 200 अंक
यह परीक्षा मुख्य परीक्षा हेतु केवल पात्रता निर्धारित करने (Eligibility Test) के रूप में ली जाती है। इस परीक्षा में प्राप्त अकों के आधार पर अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा हेतु योग्य / अर्ह घोषित किया जाता है। अतिम चयन सूची केवल मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्मित की जाएगी।
यह दोनों प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहु विकल्पीय प्रश्न) के होंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए चार सम्भावित उत्तर होगे, जिन्हें A B, C और D में समूहीकृत किया जाएगा, जिनमें से एक उत्तर सही होगा। उम्मीदवार से अपेक्षा की जाती है कि वह उत्तर पुस्तिका में उसके द्वारा निर्णित सही माने गए A, B, C या D में से केवल एक उत्तर पर गोला काला कर उत्तर चिह्नित करे।
प्रत्येक प्रश्नपत्र में 2-2 अंकों के 100 प्रश्न होगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र की समयावधि 2 घंटे होगी।
प्रारंभिक परीक्षा हेतु सामान्य अध्ययन तथा सामान्य अभिरुचि परीक्षण के विस्तृत पाठ्यक्रम परिशिष्ट-दो में यथा विनिर्दिष्ट है।
प्रत्येक प्रश्न पत्र हिन्दी तथा अंग्रेजी में होगा। द्वितीय प्रश्नपत्र के पाठ्यक्रम में सम्मिलित बिन्दु क्रमांक-7 हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल' के प्रश्न सिर्फ हिन्दी भाषा में होगे।
प्रारंभिक परीक्षा उपरांत परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों और उसके मॉडल उत्तरों की प्रावधिक उत्तर कुंजी तैयार कर आयोग की वेबसाइट https://mppsc.mp.gov.in पर प्रकाशित कर ऑनलाइन पद्धति से 05 दिवस की अवधि में आपत्तियों प्राप्त की जाएंगी। अभार्थी आयोग द्वारा प्रति प्रश्न निधर्धारित प्रश्न शुल्क तथा पोर्टल शुल्क का भुगतान कर कंचल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही आपत्तियाँ जमा कर सकेंगे। 05 दिवस के निर्धारित अवधि के पश्चात किसी भी अभ्यावेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। प्राप्त आपत्तियों पर विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा विचार किया जाएगा। समिति द्वारा आपत्तियों पर विचार कर निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी-
1. ऐसे प्रश्न जिनका प्रावधिक उत्तर कुंजी में दिए गए विकल्पों में से गलत उत्तर दिया गया है और विकल्पों में अन्य विकल्प सही है तब प्रावधिक उत्तर-कुजी को संशोधित किया जाएगा।
2. प्रश्न के हिन्दी तथा अंग्रेजी अनुवाद में भिन्नता की स्थिति में केवल हिन्दी अनुवाद ही मान्य होगा।
3. ऐसे प्रश्न जिनका दिए गए विकल्पों में एक से अधिक सही उत्तर है. सभी सही उत्तरों को मान्य किया जाएगा।
4. ऐसे प्रश्न जिनका दिए गए विकल्पों में एक भी सही उत्तर न हो को प्रश्न पत्र से विलोपित (Delete) किया जाएगा।
5. विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा समस्त अभ्यावेदनों पर विचार करने के पश्चात अंतिम उत्तर-कुजी बनाई जाएगी तथा आयोग द्वारा वेबसाइट https://mppsc.mp.gov.in पर प्रकाशित की जाएगी। निर्धारित 05 दिवस की अवधि के उपरांत कोई भी आपत्ति/पत्र-व्यवहार मान्य नहीं किया जाएगा। विषय विशेषज्ञ समिति का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा।
6. उपर्युक्त अनुसार परीक्षण के उपरात समिति द्वारा विलोपित किए गए प्रश्नों के लिए प्रश्नपत्र में उपस्थित सभी परीक्षार्थियों को प्रश्न के पूर्णांक प्रदान किए जाएंगे। . मुख्य परीक्षा हेतु लघुसूचीकृत अभ्यर्थियों की संख्या, कुल रिक्त पदो की संख्या के प्रवर्गवारअधिकतम 20 गुना होगी। प्रवर्गवार समान अंक प्राप्त उम्मीदवारों को भी मुख्य परीक्षा हेतु अर्ह घोषित किया जाएगा। केवल वे ही उम्मीदवार जिन्हें आयोग ने सबंधित विज्ञापन के अधीन प्रारंभिक परीक्षा में अहं घोषित किया है. मुख्य परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए पात्र होगे। मुख्य परीक्षा की पात्रता हेतु अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार अनारक्षित महिला श्रेणी के परीक्षार्थियों को भी प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं दिव्यांगजन श्रेणी के उम्मीदवारों हेतु न्यूनतम अर्हकारी अक 30 प्रतिशत होंगे।
विशेष -
1. राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्नपत्र केवल अहंकारी स्वरूप का होगा। इस प्रश्न पत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
2. द्वितीय प्रश्न पत्र में प्राप्त अंकों को प्रारंभिक परीक्षा परिणाम हेतु गुणानुक्रम-निर्धारण में शामिल नहीं किया जाएगा।
३ राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम भी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा के समान ही होगा।
4. राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट सूची प्रथम व द्वितीय दोनों प्रश्न पत्रों के प्राप्तांकों को जोड़कर तैयार की जाएगी।
Exam Pattern
परीक्षा में तीन चरण होंगे: प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार।
प्रारंभिक परीक्षा में दो अनिवार्य पेपर होंगे: पेपर 1 - सामान्य अध्ययन (200 अंक) और पेपर 2 - सामान्य योग्यता परीक्षा (200 अंक)।
प्रारंभिक परीक्षा केवल मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश हेतु होगी, इसमें प्राप्त अंकों को अंतिम मेरिट में नहीं जोड़ा जाएगा।
प्रारंभिक परीक्षा में कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा।
आयु सीमा 21 वर्ष अधिकतम 40 वर्ष
परीक्षा की योजना
1) सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्न पत्र में पूर्णांक-300 हैं तथा समय-3 घंटे होगा।
• सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में दो खंड 'अ' तथा 'ब' रहेंगे। प्रत्येक खंड 150 अंकों का होगा। प्रत्येक खंड पाठ्यक्रम के अनुसार 05 इकाइयों में विभाजित है । प्रत्येक इकाई से 03 अति लघु उत्तरीय, 02 लघु उत्तरीय तथा 01 दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम या अधिक की जा सकेगी।
• प्रत्येक इकाई में अति लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 03 अंक तथा लघु उत्तरीय 'प्रत्येक प्रश्न के लिये 05 अंक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 11 अंक पूर्णांक होंगे !
• इस प्रकार प्रत्येक इकाई के लिये कुल पूर्णांक अंक 30 होंगे।
• इसी प्रकार दोनों खंड 'अ' तथा 'ब' में कुल पूर्णांक 150-150 होंगे।
• अतः प्रथम प्रश्न पत्र के पूर्णाक 300 होंगे। ·
प्रत्येक अति लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 10 शब्द / एक पंक्ति होगी।
• प्रत्येक लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 50 शब्द / 5 से 6 पंक्तियाँ होंगी।
• प्रत्येक दीर्घ उत्तरीयं प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 200 शब्द होगी।
2- सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र में पूर्णांक 300 हैं. तथा समय-3 घंटे होगा।
• सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्नपत्र में दो खंड 'अ' तथा 'ब' रहेंगे। प्रत्येक खंड 150 अंकों का होगा। प्रत्येक खंड पाठ्यक्रम के अनुसार 05 इकाइयों में विभाजित है। प्रत्येक इकाई से 03 अति लघु उत्तरीय, 02 लघु उत्तरीय तथा 01 दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम या अधिक की जा सकेगी।
• प्रत्येक इकाई में अति लघुत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 03 अंक तथा लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 05 अंक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 11 अंक पूर्णांक होंगे।
• इस प्रकार प्रत्येक इकाई के लिये कुल पूर्णांक अंक 30 होंगे।
• इसी प्रकार दोनों खंड 'अ' तथा 'ब' में कुल पूर्णांक 150-150 होंगे।
उपर्युक्तानुसार प्रथम प्रश्न पत्र के पूंर्णांक 300 होंगे।
• प्रत्येक अति लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 10 शब्द / एक पंक्ति होगी।
प्रत्येक लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 50 शब्द / 5 से 8 पंक्तियाँ होंगी।
• प्रत्येक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 200 शब्द होगी।
3) सामान्य अध्ययन के तृतीय प्रश्न पत्र में पूर्णांक-300 हैं तथा समय-3 घंटे होगा।
• सामान्य अध्ययन के तृतीय प्रश्नपत्र 10 इकाइयों में विभाजित है। प्रत्येक इकाई से 03 अति लघु उत्तरीय, 02 'लघु उत्तरीय: तथा 01 दीर्घ उत्तरीय या निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम या अधिक की जा सकेगी। • प्रत्येक इक़ाई में अति लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 03 अंक तथा लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 05 अंक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 11 अंक पूर्णांक होंगे।
• इस प्रकार प्रत्येक इकाई के लिए कुल पूर्णांक - अंक 30 होंगे।
• इस प्रश्नपत्र में कुल पूर्णांक 300 होंगे।
• प्रत्येक अति लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमां 10 शब्द / एक पंक्ति होगी।
• प्रत्येक लघु उत्तरीय 'प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा, 50. शब्द /5 से 6 पंक्तियाँ होगी। • प्रत्येक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 200 शब्द होगी।
4) सामान्य अध्ययन के चतुर्थ प्रश्न पत्र में पूणांक - 200 है तथा समय-3 घंटे होगा ।
• सामान्य अध्ययन का चतुर्थ प्रश्नपत्र 05 इकाइयों में विभाजित हैं जिसमें प्रथम से चतुर्थ 'इकाई तक, प्रत्येक इकाई से 05 अति लघु उत्तरीय, 02 लघु उत्तरीय तथा 01 दीर्घ 'उत्तरीय या निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम् या अधिक की जा सकेगी।
• प्रथम से चतुर्थ इकाई तक प्रत्येक इकाई में अति लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिए 02 अंक तथा लघु उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 05 अंक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रत्येक प्रश्न के लिये 20 अंक पूर्णांक होंगे।
• इस प्रकार प्रथम से चतुर्थ इकाई तक प्रत्येक इकाई के लिये कुल पूर्णांक अंक 40 होंगे। • प्रश्न पत्र की पाँचवी इकाई में संपूर्ण पाठ्यक्रम से 02 केस स्टडी की समीक्षात्मक टीप लिखनी होगी। प्रत्येक केस स्टड़ी के लिये 20 अंक प्रदाय किए जाएँगे।
• इस प्रश्नपत्र में कुल पूर्णांक 200 होंगे।
• प्रत्येक अति लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 10 शब्द / एक पंक्ति होगी। • प्रत्येक लघु उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 50 शब्द / 5 से 6 पंक्तियाँ होंगी ! • प्रत्येक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न की आदर्श शब्द सीमा 200 शब्द होगी।
. प्रत्येक कैस स्टडी के लिये आदर्श शब्द सीमा 500 शब्द होंगी।
5) पंचम प्रश्न पत्र में पूर्णांक - 200 हैं तथा समय-3 घंटे हींगा ।
• पंचम प्रश्नपत्र सामान्य हिन्दी एवं व्याकरण का होगा ।
• प्रथम प्रश्न में लघु उत्तरीय कुल 25 प्रश्न होंगे जो कि सम्पूर्ण पाठ्यक्रम से पूछे जाएँगे। प्रत्येक प्रश्न 03 अंकों का होगा।
• द्वितीय प्रश्न अलंकारों से संबंधित होगा। जिसमें 02 प्रश्न पूछे जाएँगे। प्रत्येक प्रश्न अंकों का होगा। 05
• तृतीय प्रश्न में 02 उप प्रश्न होंगे जिनमें वाक्यों का हिन्दी से अंग्रेजी अनुवाद 20 अंकों का तथा अंग्रेजी से हिन्दी में 15 अंकों का होगा। इस प्रकार अनुवाद हेतु कुल अंक 35 होंगे।
• चतुर्थ प्रश्न हिन्दी व्याकरण से संबंधित होगा जिसमें संधि, समास, विराम चिह इत्यादि से 'प्रश्न पूछे जाएँगे। इसमें कुल अंक 20 होंगे।
• पाँचवा प्रश्न प्रारंभिक व्याकरण एवं शब्दावलियों से संबंधित होगा। इसके कुल अंक 20 होंगे।
• छठा प्रश्न अपठित गद्यांश से संबंधित होगा। इसमें कुल अंक 20 होंगे।
• सातवाँ प्रश्न पल्लवन अथवा भाव-पल्लवन से संबंधित होगा। इसमें कुल 10 अंक होंगे।
• आठवाँ प्रश्न गद्यांश के संक्षेपण से संबंधित होगा। इसमें कुल 10 अंक होंगे।
• प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम या अधिक की जा सकेगी। आवश्यकतानुसार किसी प्रश्न में उप प्रश्न भी हो सकते हैं।
6. षष्ठ प्रश्न पत्र में पूर्णांक-100 हैं तथा समय-2 घंटे होगा।
षष्ठ प्रश्नपत्र हिन्दी निबंध एवं प्रारूप लेखन का होगा।
• प्रश्न पत्र में कुल तीन प्रश्न होंगे।
• प्रश्न क्रमांक-1 प्रथम निबंध होगा जिसमें किसी एक विषय पर 1000 शब्दों में निबंध हिन्दी में लिखना होगा। प्रश्न में आंतरिक विकल्प होगा। यह प्रश्न 50 अंकों का होगा ।
• प्रश्न क्रमांक-2 द्वितीय निबंध समसामयिक समस्या एवं निदान से संबंधित होगा । जिसमें किसी एक विषय पर 500 शब्दों में निबंध हिन्दी में लिखना होगा। प्रश्न में आंतरिक विकल्प होगा। यह प्रश्न 25 अंकों का होगा।
• प्रश्न क्रमांक-3 प्रारूप लेखन से संबंधित होगा। इसमें किन्हीं दो प्रारूपों का लेखन हिन्दी में करना होगा। प्रत्येक प्रारूप लेखन में आदर्श शब्द सीमा 250 शब्द होगी। प्रश्न में आंतरिक विकल्प होगा। यह प्रश्न 25 अंकों का होगा।
• प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार कम या अधिक की जा सकेगी। आवश्यकतानुसार किसी प्रश्न में उप प्रश्न भी हो सकते हैं।
Note:-
1. राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थी को प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निःशक्तजन श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अर्हकारी अंक 30 प्रतिशत होंगे।
2. राज्य सेवा मुख्य परीक्षा से साक्षात्कार हेतु विज्ञापित पदों का 3 गुना तथा समान अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा।
3. राज्य सेवा परीक्षा नियम- 2015 तथा तत्पश्चात् संशोधित अधिसूचनाओं के अनुसार परीक्षा आयोजित की जाएगी।
DC बनने के लिए मुख्य परीक्षा में कितने मार्क्स लाना चाहिए ?